नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) लेकर विरोध और समर्थन के सुर लगातार जहरीले होते जा रहे हैं। इस बीच अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाले भाजपा विधायक संगीत सोम ने विवादित बयान से सियासत गरमा दी है। सोम ने ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के सीएए और एनआरसी पर दिए बयान का जवाब देते हुए कहा है कि मनमानी की तो कागज भी दिखाएंगे और जूते भी खाएंगे।
असदुद्दीन ओवैसी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए सोमवार को भाजपा विधायक संगीत सोम ने कहा कि मैं ओवैसी को बताना चाहता हूं कि उनके बयान ‘कागज नहीं दिखाएंगे, सीना दिखाएंगे और कहेंगे मार गोली’ का कोई फायदा नहीं है। यदि आपको देश में रहना है तो सरकार जो कागज कहेगी आपको दिखाने होंगे। यदि ओवैसी का कहना है कि सीने कम पड़ जाएंगे, गोली सीने पर खाएंगे तो मैं यही कहना चाहता हूं कि वह जूते खाएंगे और कागज भी दिखाएंगे।
बता दें कि एआइएमआइएम के सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को आंध्र प्रदेश के कुर्नूल की एक जनसभा में सीएए और एनआरसी पर कहा था कि ‘मैं वतन में रहूंगा, कागज नहीं दिखाऊंगा। कागज अगर दिखाने की बात होगी तो सीना दिखाएंगे कि मार गोली। मार दिल पे गोली मार क्योंकि दिल में भारत की मोहब्बत है जिसे सरकार नहीं समझ सकती।’ ओवैसी के इस बयान पर भाजपा विधायक संगीत सोम की प्रतिक्रिया ने नई बहस छेड़ दी है।
उत्तर प्रदेश के सरधना विधायक संगीत सोम सोमवार को मेरठ के गांव पबरसा में पुरानी विद्युत लाइन ठीक करने और नई लाइन का उद्घाटन करने गए थे। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि चीन में मुस्लिम महिलाओं के लिए बुर्का प्रतिबंधित है। बुर्का आतंकवाद को बढ़ावा देता है। ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से बुर्के पर भी बैन होना चाहिए। संविधान महिलाओं को कैद नहीं, सम्मान से जीने का अधिकार देता है।
उन्होंने कहा कि हर नागरिक अपने देश के संविधान के प्रति वफादार है और उसका पालन करता-कराता है, लेकिन हिंदुस्तान में कानून का विरोध करने वाले देश की भलाई के लिए कुछ सोच भी नहीं सकते। भाजपा विधायक ने कहा कि भारत जैसा खुशहाल देश दुनिया में नहीं है। इस खूबसूरती को कायम रखने के लिए कानून का पालन तो करना ही पड़ेगा।
संंविधान नहीं मानते तो इस्तीफा दे दो
भाजपा विधायक संगीत सोम ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी जब भी अपना मुंह खोलते हैं, देश के खिलाफ ही बोलते हैं। अगर, देश इतना ही बुरा है तो वह कहीं और जाकर बस जाएं। इसी देश के संविधान के आधार पर ही ओवैसी सांसद हैं। संविधान में यकीन नहीं है तो सांसद पद से इस्तीफा क्यों नहीं देते। लोगों को बेवकूफ बनाने की जरूरत नहीं है।