सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद अब राम नगरी अयोध्या में श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण का सभी को इंतजार है। श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का गठन होने के बाद अब मंदिर के निर्माण की तिथि जल्द ही घोषित हो जाएगी। श्रीराम मंदिर न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास भी ट्रस्ट में शामिल हो सकते हैं।
अयोध्या में मंदिर निर्माण की तिथि नव संवत्सर (25 मार्च) से हनुमान जयंती (आठ अप्रैल) के बीच कोई अच्छा मुहूर्त देखकर तय की जा सकती है। इसका संकेत श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद ने दिए। उन्होंने बताया कि पहली बैठक 19 फरवरी को दिल्ली में होगी, जिसमें मंदिर निर्माण को लेकर एजेंडा तय किया जाएगा। उन्होंने इस बात के संकेत दिए हैं कि श्रीराम मंदिर न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास भी ट्रस्ट में शामिल हो सकते हैं। भाजपा नेता कामेश्वर चौपाल ने भी ट्रस्ट की बैठक होने की पुष्टि की है।
उन्होंने बातचीत में कहा कि बैठक श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के वर्तमान कार्यालय यानी आर 20, ग्रेटर कैलाश, पार्ट-1, नई दिल्ली में होगी। बैठक में ट्रस्ट के और दो सदस्यों का चयन किया जाएगा। इसके साथ ही अध्यक्ष, कोषाध्यक्ष के नाम भी तय होंगे। श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए अन्य प्रारंभिक विषयों पर भी बैठक में चर्चा होगी। साथ ही अगली बैठक की तारीख भी तय की जाएगी। गौरतलब है कि वह भी ट्रस्ट के सदस्य हैं।
स्वामी वासुदेवानंद ने श्रीराम मंदिर के निर्माण और इसके लिए बने ट्रस्ट के संबंध में बताया कि पहली बैठक दिल्ली में होनी है, अब इसमें किन महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी, यह उसी बैठक में तय किया जाएगा। इसमें पदाधिकारी चुने जाने के सवाल का जवाब भी उन्होंने हां में दिया। अभी पदेन सदस्य के रूप में जिलाधिकारी स्तर के एक आइएएस अफसर को शामिल किया जाना है लेकिन, उनका हिंदू होना अनिवार्य है। प्रयागराज ने श्रीराम मंदिर आंदोलन में शुरू से ही बढ़ चढ़कर भागीदारी की है, इसलिए मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में इस जिले की बड़ी भूमिका होगी।
इसमें पदाधिकारी भी चुने जाने के सवाल का जवाब भी उन्होंने सिर हिलाकर हां में दिया। उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए गठित श्री राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र न्यास की प्राथमिकता भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए तिथि घोषित करना है। ट्रस्ट का उद्देश्य और संकल्प अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण है। इसके लिए जितने भी धन की आवश्यकता होगी, उसे गांव-गांव जाकर आमजन से जुटाया जाएगा। मंदिर के लिए एक व्यक्ति से एक से लेकर अधिकतम 11 रुपये ही लिए जाएंगे। इससे अधिक नहीं ताकि यह मंदिर किसी व्यक्ति विशेष नहीं बल्कि सिर्फ और सिर्फ राम का ही रहे। प्रयागराज ने श्री राम मंदिर आंदोलन में शुरू से ही बढ़ चढ़कर भागीदारी की है, इसलिए मंदिर निर्माण की प्रक्रिया में इस जिले की बड़ी भूमिका होगी।
स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने कहा कि ट्रस्ट की पहली नई दिल्ली में न्यास के दफ्तर में ही होगी। इसके बाद जब अयोध्या में राम मंदिर परिसर में न्यास का नया दफ्तर बनेगा तो आगे की बैठकें वहीं होंगी। मंदिर निर्माण में समय के बारे में उन्होंने कहा कि मंदिर को मूल स्वरूप तक आने में कम से कम दो वर्ष तो लग ही जाएंगे। इसके निर्माण के लिए जरूरी तकरीबन सत्तर प्रतिशत पत्थर पहले ही तराशे जा चुके हैं। जब तक मंदिर निर्माण पूरा नहीं हो जाता है, तब तक अस्थायी तौर पर रामलला को परिसर में ही किसी उपयुक्त जगह पर स्थानांतरित किया जाएगा। इससे मंदिर निर्माण पूरा होने तक श्रद्धालु आसानी से रामलला के दर्शन कर सकेंगे। वैसे उनकी स्थायी जगह तो नवनिर्मित राम मंदिर के गर्भगृह में ही रहेगी।
मंदिर आंदोलन में सक्रिय रहे स्वामी वासुदेवानंद
श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में करीब तीस साल से सक्रिय भूमिका में रहे। मंदिर आंदोलन के दौरान उन्होंने कारसेवा में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। वह श्रीराम कारसेवा समिति के अध्यक्ष रहे हैं।
ट्रस्ट में महंत नृत्य गोपाल दास की महती आवश्यकता
श्रीराम मंदिर न्यास के अध्यक्ष महंत नृत्य गोपाल दास के संबंध में स्वामी वासुदेवानंद ने संकेत दिए हैं कि वे भी शामिल किए जाएंगे। बताया कि महंत नृत्य गोपाल दास ने श्रीराम जन्म भूमि आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई है। ट्रस्ट में उनकी भी महती आवश्यकता है। यह कहते हुए बताया कि नौ सदस्यों को यह अधिकार दिए गए हैं कि वे किन्हींं दो लोगों का चयन कर सकते हैं। इसी अधिकार का सदुपयोग करते हुए महंत नृत्य गोपाल दास को शामिल किए जाने की ओर उन्होंने इशारा किया।
कोई विरोध या सवाल प्रासंगिक नहीं
ट्रस्ट गठन के मामले में उठ रहे सवाल या विरोध के संबंध में उन्होंने कहा कि अब इनकी कोई प्रासंगिकता नहीं है। सरकार ने जिन्हें शामिल कर लिया, उनका स्थान योग्यता के आधार पर तय किया गया है। विरोध करने से अब कुछ नहीं होने वाला। स्वामी जी ने बताया कि जो भी सदस्य बनाए गए हैं, उनसे अभी मेरी कोई वार्ता नहीं हुई है। दिल्ली में पहली बैठक में मुलाकात होने पर कुछ बात हो सकेगी।
रामनवमी से शुरू होना चाहिए मंदिर का निर्माण: परमानंद गिरि
हमीरपुर में राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के सदस्य महामंडलेश्वर स्वामी परमानंद गिरि महाराज ने कहा कि राम भक्त शीघ्र ही भव्य राम मंदिर का निर्माण शुरू होते देखना चाहते हैं। निर्माण की शुभतिथि रामनवमी हो सकती है। जल्द ही ट्रस्ट की बैठक होगी और उसमें इसका सुझाव रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या में मस्जिद निर्माण की अनुमति देना न्याय हित में है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान होना चाहिए। उन्होंने नागरिकता कानून के विरोध को गलत बताया।
राम मंदिर निर्माण में अब अधिक देरी नहीं : रामशरण दास
उरई में रंगमहल अयोध्या के पीठाधीश्वर महंत रामशरण दास महाराज ने उम्मीद जताई है कि अब राम मंदिर निर्माण में अधिक देरी नहीं होगी। मंदिर बनने की सभी व्यवस्थाएं हो चुकी हैं। कुछ तो समय जरूर लगेगा, लेकिन मंदिर की भव्यता कुछ अलग ही होगी। देश के कानून का सम्मान करना हर नागरिक का कर्तव्य है। जो लोग अदालत के फैसले का सम्मान नहीं करते, देश के नागरिक नहीं हो सकते हैं।