राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आशाओं के जनता के साथ सहज संवाद को देखते हुए उन्हें अब अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के गोल्डन कार्ड बनाने के काम में भी सम्मिलित करने का निर्णय लिया गया है। बता दें, आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड बनाने के लिए 25 नवंबर से 25 दिसंबर 2019 तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान उत्कृष्ट कार्य करने वाली आशा वर्कर, आशा फैसिलिटेटर को प्रोत्साहन राशि के साथ ही पुरस्कार भी दिया जाएगा।
स्वास्थ्य महानिदेशालय स्थित राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के सभागार में मंगलवार को आशा कार्यक्रम की समीक्षा की गई। एनएचएम के मिशन निदेशक और अपर सचिव युगल किशोर पंत ने सभी जनपदों के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, कम्यूनिटी मोबिलाइजर और जिला कार्यक्रम प्रबंधकों को निर्देश दिए कि आशाओं के माध्यम से अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के गोल्डन कार्ड बनाए जाएं। यह भी निर्देश दिए कि आशाओं के संबंधित गांवों के भ्रमण और जनता से संपर्क किए जाने की गतिविधियों का निरंतर मूल्यांकन और समीक्षा की जाए, जिससे आम जन मानस के लिए आशाओं की उपयोगिता सिद्ध हो सके।
अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के निदेशक प्रशासन डॉ. अभिषेक त्रिपाठी ने बताया कि योजना के तहत निश्शुल्क उपचार की सुविधा के लिए प्रत्येक पात्र लाभार्थी का गोल्डन कार्ड बनना आवश्यक है। उन्होंने इस कार्य के लिए राज्य में तैनात 11651 आशाओं और 606 आशा फैसिलिटेटर को गोल्डन कार्ड बनाए जाने के अभियान में विशेष तौर पर उत्तरदायी बनाने की रणनीति के बारे में बताया।
बता दें, अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना के अंतर्गत राज्य के सभी आय वर्ग के लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए जाने हैं। अभी तक करीब 37 लाख कार्ड बनाए जा चुके हैं। सभी लोगों को निश्शुल्क उपचार की सुविधा के लिए प्रत्येक सदस्य का गोल्डन कार्ड बनना जरूरी है। जिसके लिए स्टेट हेल्थ एजेंसी एक माह का विशेष अभियान संचालित कर रही है। इस अवधि में सभी लोगों को गोल्डन कार्ड दिए जाने के लिए ग्राम स्तर पर आशाओं को सम्मलित किए जाने के निर्देश जनपदों को दिए गए हैं।
आशा कार्यक्रम के राज्य नोडल अधिकारी डॉ. पंकज कुमार सिंह ने जनपदों से अपेक्षा की कि वह आशाओं को दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि का समय पर भुगतान करें। ताकि जन कल्याणकारी योजनाओं में उनका उत्साह और मनोबल बना रहे। उन्होंने कम्युनिटी मोबिलाइजर्स को निर्देशित किया कि वह आशाओं के कार्यों की निरंतर निगरानी के साथ-साथ उन्हें आवश्यक सहयोग भी प्रदान करें। इस दौरान निदेशक एनएचएम डॉ. अंजली नौटियाल, आयुष्मान योजना के निदेशक क्लेम मैनेजमेंट डॉ. डीके चक्रपाणी, राज्य आइईसी अधिकारी जेसी पांडे, एनएचएम और स्टेट हेल्थ एजेंसी के अधिकारी उपस्थित थे