कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान अपनी आदत से बाज नहीं आ रहा है। उसने एक बार फिर अतंरराष्ट्रीय मंच पर इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की और एक बार फिर उसे जमकर लताड़ लगी। यही नहीं पाकिस्तान ने इस दौरान अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले को भी यहां उठाने की कोशिश।UNESCO के 40 वें जनरल कांफ्रेंस में पाकिस्तान द्वारा उठाए गए दोनों मुद्दों पर भारत ने जमकर उसे खरी खोटी सुनाई। उसने कहा कि पाकिस्तान द्वारा गढ़े गए भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप है, जो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
एक भारतीय अधिकारी ने यहां 40 वें यूनेस्को सामान्य सम्मेलन – सामान्य नीति बहस को संबोधित करते हुए कहा, ‘अध्यक्ष महोदय, हम पाकिस्तान के दुष्प्रचार का खंडन करते हैं। पाकिस्तान अपने मनगढ़ंत झूठ से भारत को बदनाम करने की कोशिश कर रहा है। हम भारत के सर्वोच्च न्यायालय द्वारा अयोध्या मामले में दिए गए फैसले पर पाकिस्तान की ओर से की गई अनुचित टिप्पणियों की निंदा करते हैं। यह पूरी तरह से भारत का आंतरिक मामला है और पाकिस्तान को इसमें दखल देने का कोई हक नहीं है।’
भारत की ओर से यह कड़ी टिप्पणी पाकिस्तान के शिक्षा मंत्री शफाकत महमूद द्वारा अयोध्या मामले पर भारत के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपनी नाराजगी व्यक्त करने के बाद आई, जिसमें उन्होंने कहा कि यह फैसला यूनेस्को धार्मिक स्वतंत्रता के मूल्यों के अनुरूप नहीं था।
आतंकवाद का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है पाकिस्तान
इसके जवाब में,भारतीय अधिकारी ने कहा कि भारत के लिए जीवन का अधिकार(Right To life) सबसे महत्वपूर्ण मौलिक अधिकार है। विश्व स्तर पर इस अधिकार के लिए सबसे बड़ा खतरा आतंकवाद से है और पाकिस्तान इसका सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है। पाकिस्तान के राजनीतिक दृष्टिकोण आतंकवादी हिंसा में निहित हैं और इसके वैश्विक जुड़ाव को आतंकवाद के मुख्य धारा के रूप में परिभाषित किया गया है।
कश्मीर मुद्दे पर करारा जवाब
पाकिस्तान ने एक बार फिर कश्मीर मुद्दा उठाने की कोशिश की। इश पर जवाब देते हुए भारतीय अधिकारी ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के केंद्र शासित प्रदेश हमेशा से हमारा अंग रहा है और हमेशा भारत का अभिन्न अंग रहेगा और इसमें गुलाम कश्मीर (Pok) भी शामिल है, जो वर्तमान में पाकिस्तान के अवैध और जबरन कब्जे में है।’
पाकिस्तान की बौखलाहट
गौरतलब है 5 अगस्त के भारत सरकार ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और इसे दो हिस्से में बांटने का फैसला किया था। इससे पाकिस्तान बौखला गया और इस मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने की कोशिश करता रहता है। पाकिस्तान ने जब भी ऐसा किया है उसने मुंह की खाई है। पाकिस्तान के झूठ पर उसे किसी का साथ नहीं मिला।